
इंडियन फिल्म इंडस्ट्री और टीवी इंडस्ट्री से जुड़ी एक बड़ी खबर इस वक्त सामने आई है। रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर का निधन हो गया है। आज सुबह 10 बजे उनका निधन हुआ है। मुंबई के जुहू स्थित पवनहंस श्मशान घाट में दोपहर 3 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उन्होंने सागर आर्ट्स बैनर के तले फाफी लंबे वक्त तक काम किया। इस प्रोडक्शन हाउस को उनके पिता रामानंद सागर ने शुरू किया था। प्रेम सागर ने इस बैनर के कई प्रोजेक्ट्स में स्टिल फोटोग्राफर और सिनेमेटोग्राफर के तौर पर काम किया था।

प्रेस सागर ने रामायण की शूटिंग से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से शेयर किए थे। उन्होंने बताया था कि अगर हम उमरगांव नहीं जाते तो रामायण शायद नहीं बन पाती। सबसे अच्छी बात ये थी कि वह जगह पूरी दुनिया से कट-ऑफ थी। वहां की प्रकृति ने इश सीरियल और किरदारों को लोगों के दिलों में बखूबी उतारा। सेट के इर्द-गिर्द हर तरह के लोकेशन थे। अभी दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले सीरियल ‘काकभुशुण्डि रामायण’ और स्टार भारत पर प्रसारित होने वाली सीरियल ‘कमधेनु गौमाता’ भी इन्होंने बनाई हैं। कलाभूमि कास्टिंग कंपनी और कलाभूमि परिवार प्रेम जी को श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

‘ रामायण’ में लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले अभिनेता सुनील लहरी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, ‘रामानंद सागर जी के पुत्र प्रेम सागर जी के निधन की खबर बिल्कुल चौंकाने वाली है। ओम शांति 🙏😥’।

इसके अलावा प्रेम सागर ने आगे बताया था कि जब हमने उस स्टूडियो का दरवाजा खोला तब कई सारे जालें-मकड़ी वगैरह थे, लेकिन वहां की प्रॉपर्टी (दीवारें, रथ वगैरह) बहुत भव्य थे। हमने दिन-रात एक करके पूरा स्टूडियो बना दिया। उसके बाद तो उमरगांव वर्ल्ड डेस्टिनेशन बन गया। BBC चैनल वहां आई। राजमाता विजयाराजे सिंधिया वहां ठहरी। कभी उमरगांव को कोई पहचानता नहीं था, लेकिन ‘रामायण’ के बाद इस शहर को एक अलग पहचान मिल गई। प्रेम सागर ने बताया था कि एक्टर्स उमरगांव में ही रहना पसंद करते थे। उन्होंने कहा था, ‘दारा सिंह को हनुमान के किरदार के लिए मेकअप करने में लगभग 4 घंटे लगते थे। वे सुबह 7 बजे की शिफ्ट के लिए रात के 3 बजे ही उठ जाते। मेकअप के बाद वे कुछ खा नहीं सकते थे।
