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वीकेंड पर पार्टनर के साथ हर किसी को ये पांच रोमांटिक फिल्में देखनी चाहिए?

वीकेंड पर कपल्स घर में समय बिताने के कई कारण ढूंढते हैं। इन दिन वह ज्यादा से ज्यादा समय अपने पार्टनर के साथ बिताना चाहते हैं, इसलिए वह घर पर ही रहकर नई-नई चीजें करने की सोचते हैं। प्रेम यह एक ऐसा अनुभव है जो न केवल हमारे दिलों को छूता है, बल्कि हमारे जीवन के नजरिए को भी बदल देता है। साहित्य, संगीत और सिनेमा ने हमेशा प्रेम को अपने केंद्र में रखा है। खासकर फ़िल्में, जहाँ हम प्रेम की तमाम परतों को शुरुआत, उलझन और बिछड़न को बेहद खूबसूरती से अनुभव करते हैं। आज हम बात करेंगे उन 5 रोमांटिक फ़िल्मों की, जो हर इंसान को ज़िन्दगी में एक बार ज़रूर देखनी चाहिए, क्योंकि ये न केवल मनोरंजन करती हैं बल्कि दिल को गहराई तक छू जाती हैं।

  1. दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995)

“बड़े-बड़े देशों में ऐसी छोटी-छोटी बातें होती रहती हैं सेनोरिटा।”

भारतीय सिनेमा में एक ये मूवी नई पहचान बनाई। शाहरुख ख़ान और काजोल की जोड़ी आज भी सबसे रोमांटिक जोड़ी मानी जाती है। राज और सिमरन की यह कहानी ना केवल एक प्रेम कहानी है, बल्कि यह भारतीय पारिवारिक मूल्यों और आधुनिक सोच के बीच संतुलन का प्रतीक बन गई है।

DDLJ में यूरोप की खूबसूरत वादियों से लेकर पंजाब की मिट्टी तक, प्रेम का हर रंग बिखरा हुआ है। फिल्म बताती है कि सच्चा प्यार ज़िद नहीं होता, बल्कि इज़्ज़त और मंज़ूरी का नाम होता है। यह फिल्म आज भी मुंबई के मराठा मंदिर सिनेमा में चल रही है। इसका मतलब है कि यह कहानी समय से परे है।

  1. द नोटबुक (2004)

जब यादें मिट जाती हैं, क्या प्रेम भी मिट जाता है?

The Notebook एक ऐसी भावनात्मक प्रेम कहानी है, जो समय और भूलने की बीमारी के बावजूद भी अपने प्रेम की गहराई बनाए रखती है। रयान गॉसलिंग और रैचेल मैकएडम्स की यह फ़िल्म दर्शाती है कि सच्चा प्रेम केवल शब्दों का आदान-प्रदान नहीं, बल्कि आत्मा का मेल होता है। फिल्म का अंत भावुक कर देने वाला है। जहाँ उम्र ढल जाती है, शरीर थक जाता है, लेकिन प्रेम अमर रह जाता है। यह फिल्म हमें बताती है कि सच्चा प्यार केवल जवानी तक सीमित नहीं होता, बल्कि वह जीवन के अंतिम पड़ाव तक साथ देता है।

  1. तमाशा (2015)

“तू वही है, जो सुबह को आफ़ताब बना दे, तू ही है जो रातों को चाँदनी कर दे।”

इम्तियाज़ अली की निर्देशित तमाशा केवल एक प्रेम कहानी नहीं, बल्कि आत्म-खोज की यात्रा है। इसमें रणबीर कपूर का किरदार ‘वेद’ और दीपिका पादुकोण की ‘तारा’ के साथ उसकी मुलाक़ात, एक अलग ही दुनिया में ले जाती है। फिल्म का मूल संदेश है। प्यार सिर्फ किसी और से नहीं, अपने सच्चे रूप से भी होता है। जब तक हम खुद को नहीं समझते, तब तक किसी और को भी पूरी तरह से नहीं समझ सकते। इस फिल्म की सिनेमैटोग्राफी, संवाद और संगीत विशेषकर ए. आर. रहमान का संगीत – इसे एक गहराई भरा अनुभव बनाते हैं।

  1. Eternal Sunshine of the Spotless Mind (2004)

अगर आपको किसी से जुड़ी सारी यादें मिटा दी जाएँ, तो क्या आप उससे दोबारा प्यार कर पाएंगे?

जिम कैरी और केट विंसलेट की यह अनोखी प्रेम कहानी विज्ञान-कथा और रोमांस का एक दुर्लभ संगम है। फिल्म में जोएल और क्लेमेंटाइन अपनी यादों को मिटवाते हैं ताकि दर्द से बच सकें, लेकिन जब दिल की बात आती है, तो दिमाग कितना भी कोशिश करे, प्यार वापस लौट ही आता है। फिल्म हमें यह सिखाती है कि चाहे हम कितनी भी बार टूटें, प्रेम की प्रकृति ही हमें फिर से जोड़ने की होती है। इसका निर्देशन, पटकथा और अभिनेताओं का अभिनय इसे न केवल एक रोमांटिक बल्कि एक दार्शनिक फिल्म बना देता है।


  1. Before Sunrise (1995)

क्या एक रात में हुआ प्यार ज़िन्दगी भर चल सकता है?

Before Sunrise एक सरल लेकिन प्रभावशाली प्रेम कहानी है जो एथन हॉक और जूली डेल्पी के पात्रों जेसी और सेलीन के इर्द-गिर्द घूमती है। दोनों यूरोप में ट्रेन यात्रा के दौरान मिलते हैं और विएना की गलियों में रात भर बातें करते हुए एक-दूसरे के करीब आते हैं। फिल्म की खास बात इसका यथार्थवाद है। इसमें कोई नाटकीय मोड़ या फिल्मी क्लाइमेक्स नहीं है, बल्कि यह बातचीत और भावनाओं के जरिए प्रेम को परिभाषित करती है। यह फिल्म बताती है कि सच्चा संबंध उन पलों में पनपता है जो हम किसी के साथ पूरी ईमानदारी और खुलेपन से बिताते हैं।

प्यार को समझने का एक माध्यम

इन फिल्मों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये प्रेम को केवल “हैप्पी एंडिंग” तक सीमित नहीं रखतीं, बल्कि प्रेम की जटिलताओं, उसके संघर्षों और उसकी स्थायित्व की शक्ति को दर्शाती हैं।हर फिल्म एक अलग परिप्रेक्ष्य से प्यार को देखती है। कहीं वह पारिवारिक मर्यादाओं से टकराता है, कहीं वह स्मृतियों की गहराइयों में छिपा होता है, तो कहीं वह खुद की पहचान खोजने की यात्रा में साथ देता है।

अगर आप इन फिल्मों को ध्यान से देखें, तो पाएंगे कि ये न केवल एक प्रेम कहानी हैं, बल्कि हर उस भावना की अभिव्यक्ति हैं जो हम अपने जीवन में महसूस करते हैं – चाहत, पीड़ा, आशा, और कभी-कभी सिर्फ एक पल की ख़ुशी। इन 5 फिल्मों को देखने के बाद शायद आप भी यह कहेंगे।

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